PM Kisan Yojana: 13000 किसानों से वापस ली जाएगी पीएम किसान योजना की ₹2000 की किस्त

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प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (पीएम-किसान) का उद्देश्य देश के किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो और वे कृषि संबंधी आवश्यकताओं को पूरा कर सकें। हालांकि, हाल ही में इस योजना में अपात्र व्यक्तियों द्वारा अनुचित लाभ उठाने के मामले सामने आए हैं, जिसके परिणामस्वरूप सरकार ने ऐसे व्यक्तियों से प्राप्त राशि वापस लेने का निर्णय लिया है।

योजना का उद्देश्य और लाभ

पीएम-किसान योजना के तहत पात्र किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जो तीन समान किस्तों में सीधे उनके बैंक खातों में जमा की जाती है। इसका उद्देश्य किसानों की वित्तीय स्थिति में सुधार करना और उन्हें कृषि निवेश के लिए प्रोत्साहित करना है।

अपात्र व्यक्तियों द्वारा अनुचित लाभ

हाल ही में, राजस्थान के पाली जिले में लगभग 13,858 अपात्र व्यक्तियों द्वारा इस योजना का अनुचित लाभ उठाने का मामला सामने आया है। इन व्यक्तियों को अब तक कुल ₹826.66 लाख की राशि प्रदान की गई है। यह जानकारी राजस्थान विधानसभा में सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने विधायक केसाराम चौधरी के प्रश्न के उत्तर में दी।

जांच और वसूली प्रक्रिया

सरकार ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त जिला कलेक्टर (सीलिंग) को जांच के लिए नियुक्त किया है। जांच पूरी होने के बाद, दोषियों से राशि की वसूली की जाएगी और संबंधित अधिकारियों एवं कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, केंद्र सरकार ने भी अपात्र व्यक्तियों से सम्मान निधि की राशि वसूलने के निर्देश जारी किए हैं।

अन्य राज्यों में भी अपात्र लाभार्थियों का मामला

राजस्थान के अलावा, उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में भी लगभग 7,924 अपात्र किसानों द्वारा योजना का लाभ लेने का मामला सामने आया है, जिससे सरकार को लगभग ₹30 करोड़ का नुकसान हुआ है। इन किसानों में से कई आयकर दाता हैं, जो इस योजना के लिए पात्र नहीं हैं। सरकार ने इनसे राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

अपात्र व्यक्तियों से राशि वापसी की प्रक्रिया

अपात्र लाभार्थियों को स्वयं ही प्राप्त राशि वापस करनी होगी। इसके लिए पीएम-किसान योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर ‘रिफंड ऑनलाइन’ विकल्प उपलब्ध है, जहां आवश्यक विवरण भरकर राशि वापस की जा सकती है। यदि लाभार्थी स्वेच्छा से राशि वापस नहीं करते हैं, तो सरकार कानूनी कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगी।

सरकार की सख्ती और भविष्य की रणनीति

सरकार ने स्पष्ट किया है कि पीएम-किसान योजना का लाभ केवल पात्र किसानों को ही मिलना चाहिए। इसलिए, अपात्र व्यक्तियों से राशि की वसूली के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। इसके तहत, लाभार्थियों के दस्तावेजों की सख्त जांच, आयकर दाताओं की पहचान, और अन्य मानदंडों का पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

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