भारत सरकार द्वारा संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के माध्यम से करोड़ों नागरिकों को सस्ती दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाता है। इस प्रणाली का लाभ उठाने के लिए राशन कार्ड धारक होना आवश्यक है। हाल ही में, सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कस्टमर) प्रक्रिया को अनिवार्य कर दिया है, जिसकी अंतिम तिथि 31 मार्च 2025 निर्धारित की गई है। यदि इस तिथि तक ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, तो राशन कार्ड रद्द किया जा सकता है और लाभार्थियों को सस्ते राशन का लाभ नहीं मिल पाएगा।
ई-केवाईसी क्या है और क्यों है आवश्यक?
ई-केवाईसी एक डिजिटल प्रक्रिया है, जिसके माध्यम से लाभार्थियों की पहचान सत्यापित की जाती है। इस प्रक्रिया में आधार कार्ड का उपयोग करके बायोमेट्रिक या ओटीपी आधारित सत्यापन किया जाता है। ई-केवाईसी के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित करती है कि राशन का लाभ सही और पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे, जिससे फर्जीवाड़ा और अनियमितताओं को रोका जा सके।
ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने पहले ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने की अंतिम तिथि 15 फरवरी 2025 निर्धारित की थी। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अब इस तिथि को बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दिया गया है। इसका मतलब है कि राशन कार्ड धारकों के पास अब 31 मार्च तक का समय है अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए।
ई-केवाईसी प्रक्रिया कैसे पूरी करें?
मेरा राशन 2.0 ऐप के माध्यम से
- गूगल प्ले स्टोर से ‘मेरा राशन 2.0’ ऐप डाउनलोड करें।
- ऐप खोलकर अपना मोबाइल नंबर और कैप्चा कोड दर्ज करें।
- मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी दर्ज करें।
- ‘फैमिली डिटेल’ विकल्प पर क्लिक करें और आवश्यक जानकारी भरें।
- ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करने के लिए सबमिट बटन पर क्लिक करें।
नजदीकी राशन दुकान पर जाकर
- अपने नजदीकी राशन दुकान पर जाएं।
- वहां उपलब्ध बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से आधार कार्ड का उपयोग करके ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी करें।
फेशियल ई-केवाईसी के माध्यम से
- यदि बायोमेट्रिक डिवाइस उपलब्ध नहीं है, तो ‘आधारफेसआरडी’ ऐप का उपयोग करके फेशियल ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
ई-केवाईसी नहीं कराने के परिणाम
यदि राशन कार्ड धारक 31 मार्च 2025 तक अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी नहीं करते हैं, तो उनके राशन कार्ड रद्द किए जा सकते हैं। इसका सीधा असर यह होगा कि वे सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से सस्ते राशन का लाभ नहीं उठा पाएंगे। इसके अलावा, उनका नाम राशन कार्ड सूची से भी हटा दिया जाएगा, जिससे भविष्य में उन्हें राशन प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है।